बिजयनगर 18 Mar-2011
अहिंसा यात्रा के तहत होगा मंगल प्रवेश, जगह-जगह होगा स्वागत
अहिंसा यात्रा के तहत तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण शुक्रवार को नजदीकी सथाना गांव से विहार कर बिजयनगर में मंगल प्रवेश करेंगे।
तेरापंथ समाज अध्यक्ष लादूलाल छाजेड़ ने बताया कि आचार्य महाश्रमण करीब 100 से अधिक संत एवं साध्वियों के साथ यहां मंगल प्रवेश करेंगे। इस अवसर पर तेजा चौक में संत मुनिराजों की तेरापंथ समाज के साथ सुबह 8 बजे शहरवासी अगुवाई कर अभिनंदन करेंगे। यहां से विशाल जुलूस के रूप में उन्हें सथाना बाजार, बालाजी चौक से मील चौक होते हुए संचेती कॉलोनी स्थित महाराजा पैलेस लाया जाएगा। 9:30 बजे कृषि मंडी में आचार्य धर्मसभा को संबोधित करेंगे व दोपहर को तेरापंथ सभा भवन का शिलान्यास होगा। कार्यक्रम में संसदीय सचिव, नगर पालिका अध्यक्ष धर्मीचंद खटौड़ एवं नायब तहसीलदार रतन सोलंकी अतिथि होंगे। रात्रि 8 बजे महाराजा पैलेस में प्रवचन होगा।
तैयारियों में जुटा समाज
अहिंसा यात्रा के आयोजन को लेकर देर शाम तक तेरापंथ समाज के पदाधिकारी व सदस्य तैयारियों में जुटे रहे। संघ सचिव दिलीप तलेसरा, प्रकाश चंद छाजेड़, रोशनलाल डांगी, सहित जैन श्वेताम्बर स्थानकवासी संघ व प्राज्ञ युवा मण्डल के पदाधिकारी एवं सदस्य देर शाम तक तैयारियों में जुटे रहे।
कई जगह स्वागत द्वार
अहिंसा यात्रा का मुख्य मार्गो पर जगह-जगह स्वागत किया जाएगा। नगर पालिका व विभिन्न संस्थाओं द्वारा स्वागत द्वार लगाए जाएंगे। वहीं शहर के प्रमुख मार्गोँ में पालिका द्वारा सफेद लाइनिंग करवाई जाएगी। दूसरी ओर अहिंसा यात्रा के साथ गुरूवार सुबह सथाना गांव पहुंचे आचार्य श्री महाश्रमण एवं संत साध्वियों का ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया। यहां आचार्य प्रवर ने सुबह एवं सांयकाल में प्रवचन देकर ग्राम वासियों को लाभान्वित किया।
17 Mar-2011 बिजयनगर
तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण गुरुवार को नजदीकी खेड़ी गांव से विहार कर सथाना गांव में मंगलप्रवेश करेंगे। शुक्रवार को बिजयनगर में मंगलप्रवेश होगा।
आचार्य महाश्रमण के दर्शनार्थ खेड़ी गांव में बिजयनगर सहित आस पास के श्रद्घालुओं का दिन भर तांता लगा रहा।
नगर पालिका अध्यक्ष धर्मीचंद खटौड़, जैन सोश्यल ग्रूप के पूर्व अध्यक्ष तेजमल बुरड़, बिजयनगर तेरापंथ समाज अध्यक्ष लादूलाल छाजेड़, सचिव दिलीप तलेसरा, विनोद श्रीश्रीमाल, दिलीप तलेसरा, नरेन्द्र पोखरना सहित अन्य श्रद्घालुओं ने आचार्य प्रवर के दर्शन लाभ लेते आर्शीवाद लिया। मुनिश्री मोहजीत महाराज ने बताया कि गुरुवार सुबह आचार्य प्रवर सथाना पहुंचेगे। यहां धर्मसभा को सम्बोधित करेंगे। शुक्रवार को यहां से विहार कर बिजयनगर में मंगलप्रवेश करेंगे।
भिनाय 17 Mar-2011
विकास की धुरी है नशा मुक्त समाज
जैन श्वेतांबर तेरापंथी समाज के आचार्य महाश्रमण ने कहा कि नशा ही नाश का कारण है। इससे व्यक्ति अपने जीवन, परिवार व समाज सहित देश का नुकसान ही करता है। महाश्रमण बुधवार को बांदनवाड़ा में आयोजित धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। आचार्य ने अहिंसा का पालन करने, भ्रूण हत्या रोकने के संबंध में उपदेश दिए। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय से नशामुक्ति का संकल्प करवाया।
विकास की धुरी है नशा मुक्त समाज
जैन श्वेतांबर तेरापंथी समाज के आचार्य महाश्रमण ने कहा कि नशा ही नाश का कारण है। इससे व्यक्ति अपने जीवन, परिवार व समाज सहित देश का नुकसान ही करता है। महाश्रमण बुधवार को बांदनवाड़ा में आयोजित धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। आचार्य ने अहिंसा का पालन करने, भ्रूण हत्या रोकने के संबंध में उपदेश दिए। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय से नशामुक्ति का संकल्प करवाया।
इससे पूर्व अहिंसा यात्रा पर निकले आचार्य महाश्रमण ग्राम झड़वासा के विहार कर बांदनवाड़ा पहुंचे। संसदीय सचिव ब्रह्मदेव कुमावत, उप प्रधान ललित लोढ़ा, सरपंच विक्रमसिंह राठौड़, जैन समाज अध्यक्ष हेमराज हींगड़, जगदीश प्रजापति, चत्तरसिंह पीपाड़ा, ताराचंद हींगड़, महावीर चौपड़ा, सुरेंद्र बोहरा, प्रीतम पीपाड़ा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने उनकी अगवानी की। धर्मसभा को संबोधित करने के बाद आचार्य ने स्थानक में विराजित सतियाजी महाराज की कुशलक्षेम पूछी। प्रवक्ता मुनि मोहजीत कुमार ने बताया कि यह अहिंसा यात्रा 30 अप्रैल को कुंभलगढ़ में विसर्जित होगी।
आचार्य श्री महाश्रमण के आगामी कार्यक्रम :
2011 - चातुर्मास - केलवा।
2012 - मर्यादा महोत्सव - आमेट; चातुर्मास - जसोल; अक्षय तृतीया - बालोतरा।
...2013 - मर्यादा महोत्सव - टापरा; चातुर्मास - लाडनूं।
2014 - मर्यादा महोत्सव - गंगाशहर; चातुर्मास - नई दिल्ली
2011 - चातुर्मास - केलवा।
2012 - मर्यादा महोत्सव - आमेट; चातुर्मास - जसोल; अक्षय तृतीया - बालोतरा।
...2013 - मर्यादा महोत्सव - टापरा; चातुर्मास - लाडनूं।
2014 - मर्यादा महोत्सव - गंगाशहर; चातुर्मास - नई दिल्ली
नसीराबाद 15 Mar-2011 (जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो )
जैन श्वेतांबर तेरापंथी समाज के आचार्य महाश्रमण ने उपदेश दिया कि इंसान को सैनिक की भांति जागृत और समर्पित बनना चाहिए जिससे परिवार, समाज और पूरा देश अनुशासित सदाचारी और विकसित हो जाए। उन्होंने ये बात नगर में प्रवेश करते समय सेना क्षेत्र का वातावरण दिखने पर कही। उन्होंने कहा कि जैसी आशा दूसरों से करते है वैसा ही व्यवहार करो। यदि तुम्हे सुख प्रिय लगता है तो दूसरों को भी सुख देने और सुखी देखने की कोशिश करो। वे स्थानीय राजकीय व्यापारिक स्कूल में तेरापंथी समाज द्वारा आयोजित धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी धर्म अपने धर्मो को बढ़ावा देते है लेकिन वे केवल अहिंसा का संदेश फैलाने के लिए काम कर रहे है। उन्होंने जापान में भूकंप और सुनामी पीडि़तों के लिए सहानुभूति प्रकट करते हुए आपदा का कारण प्रकृति से छेड़छाड़ को बताया। तेरापंथ समाज के प्रवक्ता मुनि मोहजीत कुमार ने बताया कि आचार्य के साथ सैकड़ों साधु और साध्वियां गत 14 फरवरी को राजदलेसर, लूणासर से अहिंसा का संदेश देने के लिए यात्रा पर निकले थे। यात्रा का समापन 30 अप्रेल को रीछेड, कुंभलगढ़ में होगा। आचार्य ने सांप्रदायिक सद्भावना बनाए रखने, किसी भी प्रकार का नशा नहीं करने और जनसंख्या के असंतुलन को खत्म करने के लिए भू्रण हत्या कर हर स्तर पर विरोध करने का उपदेश दिया। सोमवार को नगर में सैकड़ो साधु संतों के प्रवेश से वातावरण धर्ममय हो गया और स्थानीय ओसवाल समाज सदस्यों सहित नगर के कई प्रबुद्ध नागरिकों ने संतो का स्वागत किया। आचार्य महाश्रमण ने बताया कि तेरापंथ के 11 वें पट्टधर आचार्य महाप्रज्ञ ने ये अहिंसा यात्रा 7 वर्ष पूर्व शुरू की थी जिसे अब उनके शिष्य पूरा कर रहे है। आचार्य ने नशे को अपराध और हिंसा की जड़ बताते हुए उपस्थित भक्तों को सभी प्रकार के नशे छोडऩे की प्रतिज्ञा दिलाई।
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15 Mar-2011
छोटी-छोटी प्रतिज्ञाएं हैं अणुव्रत
आचार्य महाश्रमण ने तेरापंथ के विश्वचर्चित विषय अणुव्रत पर बोलते हुए कहा कि जीवन में छोटी छोटी प्रतिज्ञाएं छोटे छोटे प्रण या व्रत करने को अणुव्रत की पालना कहा जाता है। आचार्य ने अणुव्रती के लिए आत्मनिरीक्षण करने, भेदभाव नहीं करने, अहिंसक समाज की रचना करने का व्रत पाले जाने को जरूरी बताया। आचार्य ने अणुव्रत की आचार संहिता समझाते हुए कहा कि किसी के साथ मारपीट नहीं करने, आक्रमण नहीं करने, अस्पृश्यता का पालन करने, बेईमानी नहीं करने, सामाजिक कुरुतियां दूर करने, व्यसन मुक्त जीवन जीने, पानी का अपव्यय नहीं करने और हरे भरे वृक्ष को नहीं काटने की प्रतिज्ञा करना अणुव्रती जीव के लिए आवश्यक है। आचार्य ने धर्मसभा में भक्तों के प्रश्रों का जवाब देकर उन्हें संतुष्ट किया।
आज झड़वासा पहुंचेंगे (जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो )
आचार्य महाश्रमण मंगलवार प्रात: नगर से विहार कर भीलवाड़ा मार्ग स्थित ग्राम झड़वासा पहुंचेंगे। प्रवक्ता मुनि मोहजीत कुमार के अनुसार आचार्य झड़वासा में रात्रि विश्राम कर बुधवार को खेड़ी पहुंचेंगे।
Google Groups "Terapanth Professionals" group.जैन श्वेतांबर तेरापंथी समाज के आचार्य महाश्रमण ने उपदेश दिया कि इंसान को सैनिक की भांति जागृत और समर्पित बनना चाहिए जिससे परिवार, समाज और पूरा देश अनुशासित सदाचारी और विकसित हो जाए। उन्होंने ये बात नगर में प्रवेश करते समय सेना क्षेत्र का वातावरण दिखने पर कही। उन्होंने कहा कि जैसी आशा दूसरों से करते है वैसा ही व्यवहार करो। यदि तुम्हे सुख प्रिय लगता है तो दूसरों को भी सुख देने और सुखी देखने की कोशिश करो। वे स्थानीय राजकीय व्यापारिक स्कूल में तेरापंथी समाज द्वारा आयोजित धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी धर्म अपने धर्मो को बढ़ावा देते है लेकिन वे केवल अहिंसा का संदेश फैलाने के लिए काम कर रहे है। उन्होंने जापान में भूकंप और सुनामी पीडि़तों के लिए सहानुभूति प्रकट करते हुए आपदा का कारण प्रकृति से छेड़छाड़ को बताया। तेरापंथ समाज के प्रवक्ता मुनि मोहजीत कुमार ने बताया कि आचार्य के साथ सैकड़ों साधु और साध्वियां गत 14 फरवरी को राजदलेसर, लूणासर से अहिंसा का संदेश देने के लिए यात्रा पर निकले थे। यात्रा का समापन 30 अप्रेल को रीछेड, कुंभलगढ़ में होगा। आचार्य ने सांप्रदायिक सद्भावना बनाए रखने, किसी भी प्रकार का नशा नहीं करने और जनसंख्या के असंतुलन को खत्म करने के लिए भू्रण हत्या कर हर स्तर पर विरोध करने का उपदेश दिया। सोमवार को नगर में सैकड़ो साधु संतों के प्रवेश से वातावरण धर्ममय हो गया और स्थानीय ओसवाल समाज सदस्यों सहित नगर के कई प्रबुद्ध नागरिकों ने संतो का स्वागत किया। आचार्य महाश्रमण ने बताया कि तेरापंथ के 11 वें पट्टधर आचार्य महाप्रज्ञ ने ये अहिंसा यात्रा 7 वर्ष पूर्व शुरू की थी जिसे अब उनके शिष्य पूरा कर रहे है। आचार्य ने नशे को अपराध और हिंसा की जड़ बताते हुए उपस्थित भक्तों को सभी प्रकार के नशे छोडऩे की प्रतिज्ञा दिलाई।
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15 Mar-2011
छोटी-छोटी प्रतिज्ञाएं हैं अणुव्रत
आचार्य महाश्रमण ने तेरापंथ के विश्वचर्चित विषय अणुव्रत पर बोलते हुए कहा कि जीवन में छोटी छोटी प्रतिज्ञाएं छोटे छोटे प्रण या व्रत करने को अणुव्रत की पालना कहा जाता है। आचार्य ने अणुव्रती के लिए आत्मनिरीक्षण करने, भेदभाव नहीं करने, अहिंसक समाज की रचना करने का व्रत पाले जाने को जरूरी बताया। आचार्य ने अणुव्रत की आचार संहिता समझाते हुए कहा कि किसी के साथ मारपीट नहीं करने, आक्रमण नहीं करने, अस्पृश्यता का पालन करने, बेईमानी नहीं करने, सामाजिक कुरुतियां दूर करने, व्यसन मुक्त जीवन जीने, पानी का अपव्यय नहीं करने और हरे भरे वृक्ष को नहीं काटने की प्रतिज्ञा करना अणुव्रती जीव के लिए आवश्यक है। आचार्य ने धर्मसभा में भक्तों के प्रश्रों का जवाब देकर उन्हें संतुष्ट किया।
आज झड़वासा पहुंचेंगे (जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो )
आचार्य महाश्रमण मंगलवार प्रात: नगर से विहार कर भीलवाड़ा मार्ग स्थित ग्राम झड़वासा पहुंचेंगे। प्रवक्ता मुनि मोहजीत कुमार के अनुसार आचार्य झड़वासा में रात्रि विश्राम कर बुधवार को खेड़ी पहुंचेंगे।
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