आचार्य महाश्रमण के लाच्छुडा आगमन के समाचार
लाछुड़ा में आचार्यश्री महाश्रमण का भव्य स्वागत
लाच्छुडा 29 march 2011 भास्कर न्यूज & भीलवाड़ा/ आसींद
महाश्रमण के वंदन को आईं वसुंधरा
नगर संवाददाता& भीलवाड़ा
जीवन में हो सद्गुण के आभूषण
भास्कर न्यूज& आसींद
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे ने कहा कि वर्तमान राजनीति झगड़ों के आधार पर चल रही है। दो गुटों को लड़ा एक गुट के वोट की गणित तय की जाती है, जबकि राज्य व देश में राज भगवान व संत महात्मा के आशीर्वाद तथा जनता के प्यार से चलता है।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा, आचार्य श्री महाश्रमण मेवाड़ प्रवेश स्वागत समिति की ओर से आयोजित मेवाड़ स्तरीय स्वागत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि आज की प्रतिस्पर्धा में लोग आध्यात्म से दूर होते जा रहे हैं। ईश्वर से दूर रहकर कुछ नहीं मिलने वाला है। अहिंसा यात्रा संदेश को गांव-गांव तक पहुंचाना सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि राजमाता ने उनको सीख दी थी कि द्वेष की राजनीति करने वाले आगे नहीं बढ़ सकते। राजमाता की इस सीख का अभी भी पालन करती हूं। वसुंधरा ने आचार्य श्री महाश्रमण से आशीर्वाद भी लिया।
आचार्य श्री महाश्रमण ने कहा कि जैन, सिख, इसाई, इस्लाम सभी परंपराओं का सार सच्चाई और प्रेम है। देश की तरक्की के लिए भौतिक व आर्थिक विकास जरूरी है, पर नैतिक और आध्यात्मिक विकास के बिना भौतिक व आर्थिक विकास आनंदपूर्ण होगा, इस पर प्रश्नचिह्न है। अनुकम्पा की चेतना जाग्रत करना ही अहिंसा यात्रा का मकसद है। साध्वी प्रमुख कनकप्रभा व मुनि सुमेर मल ने भी प्रवचन दिए।
महाश्रमण के वंदन को आईं वसुंधरा
नगर संवाददाता& भीलवाड़ा
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद पहली बार जिले में आ रही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे रविवार देर रात बदनौर पहुंचीं। जिले में प्रवेश करने के बाद छतरपुरा गांव में पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर, बालू लाल आचार्य सहित ग्रामीणों ने राजे का स्वागत किया। वहीं,बदनौर पहुंचने पर राज्यसभा सांसद वीपी सिंह, विधायक रामलाल गुर्जर सहित ग्रामीणों ने राजे का स्वागत किया। राजे बदनौर में सांसद सिंह के निवास पर रुकीं। वे सोमवार सुबह नौ बजे बदनौर में कार्यकर्ताओं से मिलते हुए सवाई भोज के लिए रवाना होंगी। वहां मंदिर में दर्शन के बाद राजे दौलतगढ़ चौराहा पहुंचेंगी। वहां भाजपाई स्वागत करेंगे। इसके बाद वे वाहन रैली के साथ राजे को लाछुड़ा में आयोजित आचार्य महाश्रमण के कार्यक्रम तक लाएंगे। मार्ग में पडऩे वाले गांवों में राजे का स्वागत किया जाएगा। रैली में हिस्सा लेने के लिए भीलवाड़ा से भी पदाधिकारी व कार्यकर्ता जाएंगे।
जीवन में हो सद्गुण के आभूषण
भास्कर न्यूज& आसींद
आचार्य महाश्रमण के आसींद से विहार कर बराणा गांव पहुंचने पर लोगों ने स्वागत किया। यहां आयोजित सभा में आचार्य ने कहा कि ऐश्वर्य के बिना भी विभूषित हुआ जा सकता है। जीवन में सद्गुणों का अलंकरण करना चाहिए। इससे पूर्व खारी नदी की पुलिया पर निर्माणाधीन अहिंसा द्वार पर नगर पालिकाध्यक्ष हगामीलाल मेवाड़ा ने आचार्यश्री का अभिनंदन
केलवा चातुर्मास की भव्य तैयारी पूरी
51 गांव घूमेगी अहिंसा यात्रा
राजसमंद 28 march 2011
तेरा पंथ धर्मसंघ की उद्गम स्थली केलवा में 192 साल बाद होने वाले चातुर्मास के लिए 11वें पट्ट धर आचार्य महाश्रमण 10 जुलाई को केलवा में मंगल प्रवेश करेंगे। इस बार आचार्य महाश्रमण का जन्म दिन कांकरोली में 12 मई को विविध कार्यक्रमों के साथ मनाया जाएगा। चातुर्मास को लेकर आचार्य के साथ आने वाले साधु- संत एवं अन्य श्रावकों के ठहरने, खाने- पीने एवं रहने आदि की व्यवस्थाओं एवं प्रशासनिक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए आचार्य श्री महाप्रज्ञ चातुर्मास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष महेन्द्र कोठारी ने 27 उप समितियों का गठन किया है। इसके अलावा श्री जैन श्वेतांबर तेरा पंथी सभा केलवा, तेरा पंथ युवक परिषद, भिक्षु मित्र मंडल मुंबई, भिक्षु मित्र मंडल- महिला प्रकोष्ठ मुंबई, तेरा पंथ महिला मंडल, तेरा पंथ किशोर मंडल तथा तेरापंथ कन्या मंडल चातुर्मास की व्यवस्था एवं तैयारियों में पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ जुटा हुआ है। व्यवस्था समिति के अनुसार अब तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। इसके तहत देशभर में आचार्य श्री के चातुर्मास का प्रचार प्रसार, जिले के जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रदेश एवं केंद्र स्तर के मंत्री, प्रशासनिक अधिकारियों एवं राष्ट्रपति तक को आमंत्रित किया है। इसके अलावा केलवा में प्रवचन स्थल का निर्माण, आचार्य महाश्रमण के लिए स्टेज, श्रावकों के बैठने के लिए पंडाल स्थल एवं अन्य प्राथमिक सुविधाओं के लिए 20 दुकानों का निर्माण कराया है।
पंचायत ने लगवाई 500 लाइटें : केलवा सरपंच दिग्विजयसिंह राठौड़ ने बताया कि शहर की तर्ज पर केलवा में विद्युत एवं साफ सफाई व्यवस्था के लिए पुख्ता प्रबंध किए हैं। कम वोल्टेज की समस्या के निस्तारण के लिए हाल ही 2 विद्युत ट्रांसफार्मर की मंजूरी मिल चुकी है, जल्द ही लग जाएंगे। इससे केलवा में बिजली की आंख मिचौनी और कम वोल्टेज की समस्या का स्थायी समाधान हो जाएगा। आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास समिति के साथ साझा सहयोग से चातुर्मास व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
आचार्य महाश्रमण के केलवा चातुर्मास की व्यवस्था एवं तैयारियों में समूचा जैन समाज जुटा हुआ है। इसके तहत आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास व्यवस्था समिति निर्देशन में व्यवस्थाओं के लिए 27 उप समितियां बनाई है। इस बार आचार्य महाश्रमण का जन्मदिन 12 मई, 2011 को कांकरोली में मनाया जाएगा। इस दौरान आचार्य महाश्रमण 7 मई से दो महीने तक राजसमंद और उदयपुर के सीमावर्ती 51 गांवों में 440 किलोमीटर की यात्रा करेंगे।
एक-एक काम के लिए उप समिति : आचार्य श्री के चातुर्मास की व्यवस्थाओं में अर्थ संकलन के लिए अर्थ संकलन समिति गठित की है, जिसके संयोजक संपतलाल मादरेचा है। इसी तरह आवास एवं आवास पूर्ति समिति संयोजक मूलचंद मेहता, अस्थाई आवास व्यवस्था समिति सह संयोजक देवेंद्र कोठारी, प्रशासनिक व्यवस्था समिति संयोजक रोशनलाल सांखला, विधि सलाहकार समिति संयोजक शांतिलाल, मीडिया समिति, जनसंपर्क एवं कार्यक्रम नियोजन व आयोजन समिति संयोजक महेंद्र कोठारी (विकास) को बनाया है। भोजनशाला व्यवस्था समिति के लिए शंकरलाल गांग, भैरूलाल बोहरा, राजकुमार कोठारी, ठिकाना व्यवस्था समिति संयोजक प्रकाश कोठारी, चिकित्सा सेवा समिति संयोजक महेंद्र कोठारी (अपेक्स), निर्माण प्रबंध समिति संयोजक कुंदनमल सामर। लेखा व अंकेक्षण समिति संयोजक देवेंद्र कोठारी, जल, श्रम, कार्मिक व्यवस्था समिति संयोजक भगवतीलाल बोहरा, सुरक्षा एवं स्वयंसेवक समिति संयोजक सुरेश चंद्र सांखला, यातायात एवं परिवहन सेवा समिति संयोजक बसंत कोठारी । प्रचार प्रसार समिति सह संयोजक प्रकाशचंद्र मादरेचा, विद्युत व्यवस्था समिति संयोजक नरेंद्र कोठारी, नानालाल, राजेंद्र कोठारी, स्तंभ निर्माण समिति संयोजक संपतलाल मादरेचा। बर्तन समिति संयोजक ललित मेहता, जनसुविधाएं समिति संयोजक बाबूलाल सिंघवी, प्रेक्षा ध्यान, जीवन विज्ञान समिति संयोजक देवीलाल पटवारी, प्रवचन, पंडाल व मंच व्यवस्था समिति संयोजक दिनेश चंद्र कोठारी। अतिथि सत्कार समिति संयोजक बाबूलाल कोठारी, गोचरी सेवा संयोजक देवीलाल बापना, सांस्कृतिक कार्यक्रम समिति संयोजक लवेश मादरेचा बनाया गया। इसी तरह भोजन व्यवस्था समिति का दायित्व जैन समुदाय व तेरा पंथ के सातों संगठनों को सौंपा गया है। मार्ग सेवा की जिम्मेदारी तेरा पंथ सभा एवं तेरा पंथ युवक परिषद की रहेगी।
पंचायत ने लगवाई 500 लाइटें : केलवा सरपंच दिग्विजयसिंह राठौड़ ने बताया कि शहर की तर्ज पर केलवा में विद्युत एवं साफ सफाई व्यवस्था के लिए पुख्ता प्रबंध किए हैं। कम वोल्टेज की समस्या के निस्तारण के लिए हाल ही 2 विद्युत ट्रांसफार्मर की मंजूरी मिल चुकी है, जल्द ही लग जाएंगे। इससे केलवा में बिजली की आंख मिचौनी और कम वोल्टेज की समस्या का स्थायी समाधान हो जाएगा। आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास समिति के साथ साझा सहयोग से चातुर्मास व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
महाश्रमण के अनुसार उनकी अहिंसा यात्रा का उद्देश्य मानव मन में दया की चेतना जगाना है।
अहिंसा यात्रा का आसींद में जोरदार स्वागत
आसींद 28 march 2011
80 संत-साध्वियों के साथ आए आचार्य: आचार्य महाश्रमण 80 साधु-साध्वियों के अपने दल के साथ सुबह बदनोर से निकले। आसींद तक 17 किमी की पदयात्रा के दौरान परा, पड़ासोली, प्रतापपुरा में भी सैकड़ों लोगों ने उनका स्वागत किया। महाश्रमण ने अपनी मधुरवाणी से रास्ते में भी लोगों को संबोधित किया। यहां सभा में नगरपालिका मंडल ने आचार्य को अभिनंदन पत्र भेंट किया।
क्षेत्रवासी हुए भाव-विभोर: नगर में जगह-जगह तोरणद्वार बनाए गए। नपा अध्यक्ष हंगामीलाल मेवाड़ा ने अपने निवास पर अतिथियों का स्वागत सत्कार किया। धर्मसभा में क्षेत्रीय विधायक रामलाल गुर्जर, उपप्रधान नौरतमल बड़ौला, तेरापंथ सभाध्यक्ष गणेशलाल चोरडिय़ा, मंत्री कन्हैयालाल कांठेंड़, रोशनलाल सचेती, तहसीलदार रामबाबू वर्मा सहित कई जन प्रतिनिधि, अधिकारी व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
चातुर्मास की मांग: नगरवासियों ने महाश्रमण से आसींद मेें चातुर्मास करने की पुरजोर मांग की। धर्मसभा में जैन समाज के अलावा अन्य समाजों के भी लोग उपस्थित थे। इससे पंडाल भी छोटा पड़ा। आचार्यश्री शनिवार सुबह विहार करते समय सात बजे आचार्य महाप्रज्ञ इंस्टीट्यूट आफ एक्सीलेंस व अहिंसा द्वार का अवलोकन करेंगे।
source: "Terapanth Professionals" group.
तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य श्री महाश्रमण के अनुसार उनकी अहिंसा यात्रा का उद्देश्य मानव मन में दया की चेतना जगाना है। मन में दया है तो व्यक्ति बहुत से पाप कर्मों से बच सकता है। निष्ठुरता है तो वह हिंसा, अपराध के रास्ते चला जाता है। आचार्यश्री शनिवार सुबह यहां धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। महाश्रमण ने भारी संख्या में उपस्थित लोगों से कहा कि दुनिया में दुख है। और हमेशा रहेंगे। दुखी व्यक्ति का दुख सुनने से उसका मन हल्का हो जाता है। उसे कुछ दे न सकें तो मुख की मुस्कान तो दे ही दे। महाश्रमण ने कहा कि मानव जाति एक है। भाईचारे से कहना चाहिए। सबके प्रति मंगल भावना रहे। व्यवसाय व व्यवहार में ईमानदारी रहे। नैतिकता का पालन करें। आचार्य ने कहा कि साधना शील व्यक्ति मोह से दूर रहने का अभ्यास करता है। साधु लोग अपने शरीर से मोह नहीं करते है। शरीर को भोजन के रूप में भाड़ा भी देना होता है। साधु शरीर को परिपोषित करता है। भोजन स्वाद के लिए नहीं, शरीर को चलाने के लिए है। भोजन के प्रति अनासक्ति भाव होना चाहिए। सभा में साध्वी प्रमुख कनकप्रभा ने कहा कि जो आदमी अपने भीतर देखना सीख लेता है वह स्वस्थ व सुखी बन जाता है। अपने भीतर की अच्छाइयों व बुराइयों को जरूर देखें।
80 संत-साध्वियों के साथ आए आचार्य: आचार्य महाश्रमण 80 साधु-साध्वियों के अपने दल के साथ सुबह बदनोर से निकले। आसींद तक 17 किमी की पदयात्रा के दौरान परा, पड़ासोली, प्रतापपुरा में भी सैकड़ों लोगों ने उनका स्वागत किया। महाश्रमण ने अपनी मधुरवाणी से रास्ते में भी लोगों को संबोधित किया। यहां सभा में नगरपालिका मंडल ने आचार्य को अभिनंदन पत्र भेंट किया।
क्षेत्रवासी हुए भाव-विभोर: नगर में जगह-जगह तोरणद्वार बनाए गए। नपा अध्यक्ष हंगामीलाल मेवाड़ा ने अपने निवास पर अतिथियों का स्वागत सत्कार किया। धर्मसभा में क्षेत्रीय विधायक रामलाल गुर्जर, उपप्रधान नौरतमल बड़ौला, तेरापंथ सभाध्यक्ष गणेशलाल चोरडिय़ा, मंत्री कन्हैयालाल कांठेंड़, रोशनलाल सचेती, तहसीलदार रामबाबू वर्मा सहित कई जन प्रतिनिधि, अधिकारी व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
चातुर्मास की मांग: नगरवासियों ने महाश्रमण से आसींद मेें चातुर्मास करने की पुरजोर मांग की। धर्मसभा में जैन समाज के अलावा अन्य समाजों के भी लोग उपस्थित थे। इससे पंडाल भी छोटा पड़ा। आचार्यश्री शनिवार सुबह विहार करते समय सात बजे आचार्य महाप्रज्ञ इंस्टीट्यूट आफ एक्सीलेंस व अहिंसा द्वार का अवलोकन करेंगे।
source: "Terapanth Professionals" group.
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