Jain Terapanth News

खामेमि सव्व जीवे, सव्वे जीवा खमंतु मे मित्ती मे सव्व-भूएसु, वेरं मज्झ न केणइ।।

साध्वी श्री कनक रेखा जी का हनुमानगढ़ पहुंचने पर स्वागत

 हनुमानगढ़ | जैन धर्म को जन-जन का धर्म बनाना ही चातुर्मास के पवित्र महीने का लक्ष्य है। यह बात चातुर्मास के लिए हनुमानगढ़ पहुंचीं जैन साध्वियों ने कही। बुधवार को टाउन एसएस जैन सभा द्वारा चातुर्मास के आयोजन पर सभी एसएस जैन बंधुओं ने साध्वियों के नगर प्रवेश करने पर स्वागत यात्रा निकाली। नगर प्रवेश यात्रा हनुमानगढ़ टाउन के भारत माता चौक से बैंडबाजों के साथ निकली। यात्रा में स्कूली बच्चों ने हाथों में महावीर स्वामी के लिखे स्लोगन कि तख्तियां उठाई हुई थी। यात्रा के पहुंचने पर बाजार में पुष्प वर्षा करके स्वागत किया गया। भगवान महावीर स्वामी जी के जयकारों से आसपास का वातावरण गुंजायमान हो रहा था। प्रवेश यात्रा भारत माता चौक से रवाना होकर बस स्टैंड के आगे से होकर यातायात पुलिस थाना से होती हुई हिसारिया मार्के ट, लाला जी चौक शनिदेव मंदिर के आगे से होकर जैन स्थानक व किले गेट के सामने पहुंचीं। साध्वी वीणा जी महाराज, श्रुति जी महाराज, तारामणि जी महाराज, वीरकांता जी महाराज, रक्षा जी महाराज, रजनी जी महाराज, अर्पिता जी महाराज, मानसी जी महाराज, हितिका जी महाराज जी महाराज हनुमानगढ़ में चातुर्मास के लिए पधारी हैं। जो चार माह तक यहां रह कर रोजाना प्रवचन करेंगी। पहले दिन मंगलाचरण के जरिए प्रवचन कार्यक्रम की शुरुआत की गई। 

'भारत आध्यात्मिक और धर्म की भूमि': आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री कनक रेखा जी के हनुमानगढ़ प्रवेश पर लोगों ने बुधवार को उत्साह से स्वागत किया। इस मौके पर निकाली गई अहिंसा रैली में भगवान महावीर के उपदेशों का उद्घोष किया गया। सभा संरक्षक बाबू लाल दुग्गड़ के निवास स्थान से होते हुए फ ोर्ट स्कूल के पास से होते हुए पुराना बाजार, लालाजी चौक, हिसारिया मार्केट, सुभाष चौक, जाकिर हुसैन पार्क, नयी मंडी होते हुए तेरापंथ भवन पहुंची। प्रवचन कार्यक्रम में जैन साध्वियों ने कहा कि भारत आध्यात्मिक और धर्म की भूमि रही है। यहां धर्म को राजनीति से सर्वोपरि रखा गया है। चक्रवर्ती सम्राट भी संतों के चरणों में शीश झुकाते आए हैं। साध्वियों ने सन्मार्ग पर चलने की सीख देकर चातुर्मास के दौरान इसका लाभ लेने की बात कही। डॉ. पारस जैन, पदमचन्द बांठिया, भगवानदास बंसल, टाउन सभा अध्यक्ष राजेंद्र बैद, जंक्शन सभा के अध्यक्ष विजय लूणावत, सचिव अमित जैन, तेयुप अध्यक्ष सुरेन्द्र बोथरा, संजय बांठिया, संतोष बाठिया, डॉ. दीपिका जैन व रितु बांठिया ने विचार रखे । 
 

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आचार्य श्री महाश्रमण के आगामी कार्यक्रम :


2014 - मर्यादा महोत्सव - गंगाशहर; चातुर्मास - दिल्ली।
2015 - मर्यादा महोत्सव - कानपुर; चातुर्मास - बिराटनगर (नेपाल)।
2016 - चातुर्मास - गुवाहाटी।
2017 - चातुर्मास - कोलकाता।

Future Plan of ACHARYA SHRI's


2014 Chaturmas declared for New Delhi, india
2015 Chaturmas declared for BIRATNAGAR Nepal .
2016 Chaturmas declared for Guwahati Assam, India.
2017 Chaturmas declared for Kolkata India.
Maryada Mahotsava for the year 2012 is declared for Amet, Rajasthan, India.