सादर जय जिनेन्द्र मित्रो
आज तेरापंथ के एकादशम अधिशास्ता परम पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमण जी अपनी धवल सेना के साथ 17किलोमीटर का विहार कर महाजन से अर्जुनसर पधारे ।
श्रावक समाज की भावना को देखते हुए गुरुवर मुख्य बजार से होते हुए प्रवास स्थल पधारे।
पुज्यप्रवर का आज प्रेरणा पाथेय का विषय रहा -ज्ञान का विकास
पूज्यप्रवर ने फरमाया ज्ञान विहीन व्यक्ति अंधे व्यक्ति के समान हैं!ज्ञान के साथ बुद्धी का विकास भी होना चाहिए
क्योकि ज्ञान का विकास बुद्धी के विकास के बिना सम्भव नही हो सकता ।ज्ञान के विकास के साथ अनुशासन और विनय का विकास हो ।समता भाव यदि बुद्धी के साथ हो तो बुद्धी उज्ज्वल हो जाती हैं।गुरुदेव ने फरमाया ज्ञान शुद्ध होने से आचरण भी शुद्ध हो जाता हैं।
आज रात्रिकालीन कार्यक्रम 8 बज़े नशा मुक्ति पर रहने का भाव हैं
कल का विहार प्रात:7:15पर राजियासर की तरफ
तेरापंथ मीडिया सेंटर पीलीबंगा सूरतगढ़
२/३/२०१४
Jain Terapanth News
खामेमि सव्व जीवे, सव्वे जीवा खमंतु मे
मित्ती मे सव्व-भूएसु, वेरं मज्झ न केणइ।।
ज्ञान विहीन व्यक्ति अंधे व्यक्ति के समान हैं
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आचार्य श्री महाश्रमण के आगामी कार्यक्रम :
2014 - मर्यादा महोत्सव - गंगाशहर; चातुर्मास - दिल्ली।
2015 - मर्यादा महोत्सव - कानपुर; चातुर्मास - बिराटनगर (नेपाल)।
2016 - चातुर्मास - गुवाहाटी।
2017 - चातुर्मास - कोलकाता।
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