मकराना (बोरावड़)३मार्च २०११ तेरापंथ समाचार (सवाददाता )

अहिंसा यात्रा
मंगल प्रवेश आज: आचार्य महाश्रमण व साध्वी कनकप्रभा गुरुवार प्रात: ८:३० बजे बोरावड़ की सीमा में मंगल प्रवेश करेंगे। तेरापंथी सभा बोरावड़ के तत्वावधान में जुलूस निकाला जाएगा जो कि रेलवे स्टेशन चौक से प्रारंभ होकर तेरापंथ भवन पहुंचेगा। वहां पहुंचने के बाद सुबह ९:३० बजे आचार्य का अभिनंदन समारोह होगा। बाद में आध्यात्मिक प्रवचन होंगे। रात्रि ७:३० बजे भी आचार्य महाश्रमण प्रवचनों से लाभान्वित करेंगे। प्रवचन दीपचंद गेलड़ा के नोहरे में अहिंसा समवसरण स्थान पर होंगे। अहिंसा यात्रा के अभिनंदन के लिए तेरापंथ समाज ने बोरावड़ के मुख्य मार्गों को सजाया है। तेरापंथ द्वार से तेरापंथ भवन के बीच में फर्रियां लगाई गई हंै। अहिंसा व अणुव्रत का पालन करने वाले संदेशक पर्दे भी लगाए गए हैं। अहिंसा यात्रा २०११ में लगभग एक सौ साधु व साध्वियों के दिन व रात्रि में ठहराव व अन्य सुविधाओं के लिए तेरापंथ युवक परिषद्, तेरापंथ महिला मण्डल व जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा ने कमान संभाल रखी है। आचार्य के पहुंचने से पहले ही ठहराव वाले स्थल पर भोजन, पानी, रहने, प्रवचन आदि सारी व्यवस्थाएं जुटा दी जाती है।
श्रद्धालुओं में गजेन्द्र बोथरा, सुरेश दुग्गड़, महेन्द्र जैन, रायचंद गेलड़ा आदि यात्रा के दौरान व्यवस्थाऐं बनाने में सहयोग कर रहे हैं
Jain Terapnth News
३मार्च २०११ तेरापंथ समाचार (सवाददाता )
आचार्य महाश्रमण का होली चातुर्मास
आचार्यश्री संत मण्डल के साथ लाडनूं, किशनगढ़, अजमेर, बिजयनगर होते हुए होली चातुर्मास के लिए 19 मार्च को गुलाबपुरा आएंगे। भीलवाड़ा जिले में एक पखवाड़ा प्रवास के दौरान आचार्य महाश्रमण शंभूगढ़, बदनोर होते हुए 26 मार्च को आसीन्द पहुचेंगे। महाश्रमण बराणा होते हुए 28 मार्च को लाछुड़ा से मेवाड़ प्रवेश करेंगे। आचार्य के आगमन तैयारियों के लिए सुरेश मुनि हरनावा के सान्निध्य में तेरापंथ सभा के पदाधिकारी बैठकों में जुटे है।
फिर कायम मेवाड़ यात्रा
हरनावा के सहयोग सम्बोध मुनि ने बताया कि आचार्य महाप्रज्ञ की अपरिहार्य कारणों से स्थगित मेवाड़ यात्रा को पुन: कायम करते हुए महाश्रमण शिशोदा में महावीर जयन्ती, रिछेड़ में अक्षय तृतीय महोत्सव, सम्बोधि उपवन में प्रज्ञा दिवस, मजेरा में आचार्य महाप्रज्ञ प्रथम महाप्रयाण दिवस, कांकरोली में अमृत महोत्सव, राजसमन्द में बोधि दिवस एवं वर्ष 2011 का चार्तुमास केलवा में करेंगे। वर्ष 2012 का मर्यादा महोत्सव राजसमन्द जिले के आमेट में होगा।
राजसमंद . साध्वी कंचन कुमारी की डोल यात्रा में शामिल जैन समाज के लोग
02 Mar-2011 by Dainik Bhaskar & Jain Terapnth News
शोभायात्रा निकाली, मोक्षधाम में किया साध्वी कंचन कुमारी का अंतिम संस्कार
नगर संवाददाता & राजसमंद
भिक्षु बोधि स्थल राजनगर में प्रवासरत तेरापंथ धर्म संघ की साध्वी कंचन कुमारी (उदयपुर) की मंगलवार दोपहर को शोभायात्रा के साथ निकाली गई अंतिम यात्रा में सैकड़ों श्रावक व श्राविकाओं ने भाग लिया। उनका राजनगर स्थित मोक्षधाम में विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। साध्वी का सोमवार शाम साढ़े छह बजे देवलोकगमन हो गया था।
साध्वी के अंतिम दर्शन के लिए शहर व जिले के साथ ही उदयपुर, चित्तौडगढ़़, भीलवाड़ा एवं अन्य जिलों से सैकड़ों श्रावक व श्राविकाएं पहुंची। साध्वी की अंतिम यात्रा शोभायात्रा के रूप में दोपहर करीब डेढ़ बजे भिक्षु बोधि स्थल से रवाना हुई। बैंडबाजों पर भजनों की धुनों व जयघोष के बीच निकाली गई शोभायात्रा माहेश्वरी मोहल्ला, कटार गली, सदर बाजार, दाणी चबूतरा, राजनगर बस स्टैंड से होती हुई मोक्षधाम पहुंची। शोभायात्रा में शामिल श्राविकाओं ने केसरिया परिधान एवं श्रावकों ने सफेद परिधान पहन रखे थे। शोभायात्रा में सभी जैन धर्म की जय जयकार करते चल रहे थे। पूरे मार्ग में भी अन्य समाज के लोगों ने घरों के बाहर एवं छतों से साध्वी के अंतिम दर्शन किए व फूल बरसाए। शोभायात्रा दोपहर बाद करीब सवा तीन बजे मोक्षधाम पहुंची। यहां पर साध्वी के संसार पक्षीय परिवार के तेजसिंह एवं राजेंद्र कुमार उदयपुर ने मुखाग्नि दी। इस दौरान मेवाड़ के सैकड़ों श्रावक व श्राविकाएं तथा अन्य समाज के लोग उपस्थित थे, जिन्होंने साध्वी को अंतिम नमन किया।
समता, क्षमता समाधि-मय जीवन : अंतिम यात्रा से पूर्व भिक्षु बोधि स्थल परिसर में स्मृति सभा हुई। साध्वी शांता कुमारी ने कहा कि साध्वी कंचन कुमारी ने समता, क्षमता व समाधि-मय जीवन यात्रा सानंद संपन्न की। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए मंगल कामना की। साध्वी कनक रेखा ने कहा कि साध्वी कंचनकुमारी शरीर रूप में विदा हुई है, मगर जो फूल होता है उसकी खुशबू वातावरण में होती है। फूल अपनी भीनी भीनी खुशबू सुदूर तक फैला देती है। ऐसा ही बहुआयामी व्यक्तित्व था साध्वी कंचन कुमारी। साध्वी प्रज्ञाश्री जी ने भी विचार रखे। संस्था की मीडिया प्रभारी लाड़ मेहता ने बताया कि स्मृति सभा में सभाध्यक्ष गणपत धर्मावत, मेवाड़ कांफ्रेंस अध्यक्ष बसंतीलाल बाबेल, अणुव्रत महासमिति के पूर्व राष्ट्र अध्यक्ष महेंद्र कर्णावट, युवा गौरव पदमचंद पटावरी, लक्ष्मणसिंह कर्णावट, भिक्षु भूमि अध्यक्ष सवाईलाल पोखरना, चातुर्मास व्यवस्था समिति संयोजक महेंद्र कोठारी, कांकरोली सभाध्यक्ष चंद्रप्रकाश चोरडिय़ा, गणपत बोहरा, कांतिलाल धाकड़, बाबूलाल कच्छारा, तेयुप अध्यक्ष डॉ. विमल कावडिय़ा, मंडल अध्यक्ष मंजू बड़ोला, अशोक डूंगरवाल आदि ने दिवंगत आत्मा के प्रति श्रद्धांजलि समर्पित की। साध्वी परिवार, कन्या मंडल महिला मंडल ने गीतिका से भावांजलि दी
Jain Terapnth News & "Terapanth Professionals" group.
02 Mar-2011 by Dainik Bhaskar & Jain Terapnth News
शोभायात्रा निकाली, मोक्षधाम में किया साध्वी कंचन कुमारी का अंतिम संस्कार
नगर संवाददाता & राजसमंद

साध्वी कंचन कुमारी की डोल यात्रा में शामिल जैन समाज के लोग
साध्वी के अंतिम दर्शन के लिए शहर व जिले के साथ ही उदयपुर, चित्तौडगढ़़, भीलवाड़ा एवं अन्य जिलों से सैकड़ों श्रावक व श्राविकाएं पहुंची। साध्वी की अंतिम यात्रा शोभायात्रा के रूप में दोपहर करीब डेढ़ बजे भिक्षु बोधि स्थल से रवाना हुई। बैंडबाजों पर भजनों की धुनों व जयघोष के बीच निकाली गई शोभायात्रा माहेश्वरी मोहल्ला, कटार गली, सदर बाजार, दाणी चबूतरा, राजनगर बस स्टैंड से होती हुई मोक्षधाम पहुंची। शोभायात्रा में शामिल श्राविकाओं ने केसरिया परिधान एवं श्रावकों ने सफेद परिधान पहन रखे थे। शोभायात्रा में सभी जैन धर्म की जय जयकार करते चल रहे थे। पूरे मार्ग में भी अन्य समाज के लोगों ने घरों के बाहर एवं छतों से साध्वी के अंतिम दर्शन किए व फूल बरसाए। शोभायात्रा दोपहर बाद करीब सवा तीन बजे मोक्षधाम पहुंची। यहां पर साध्वी के संसार पक्षीय परिवार के तेजसिंह एवं राजेंद्र कुमार उदयपुर ने मुखाग्नि दी। इस दौरान मेवाड़ के सैकड़ों श्रावक व श्राविकाएं तथा अन्य समाज के लोग उपस्थित थे, जिन्होंने साध्वी को अंतिम नमन किया।
समता, क्षमता समाधि-मय जीवन : अंतिम यात्रा से पूर्व भिक्षु बोधि स्थल परिसर में स्मृति सभा हुई। साध्वी शांता कुमारी ने कहा कि साध्वी कंचन कुमारी ने समता, क्षमता व समाधि-मय जीवन यात्रा सानंद संपन्न की। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए मंगल कामना की। साध्वी कनक रेखा ने कहा कि साध्वी कंचनकुमारी शरीर रूप में विदा हुई है, मगर जो फूल होता है उसकी खुशबू वातावरण में होती है। फूल अपनी भीनी भीनी खुशबू सुदूर तक फैला देती है। ऐसा ही बहुआयामी व्यक्तित्व था साध्वी कंचन कुमारी। साध्वी प्रज्ञाश्री जी ने भी विचार रखे। संस्था की मीडिया प्रभारी लाड़ मेहता ने बताया कि स्मृति सभा में सभाध्यक्ष गणपत धर्मावत, मेवाड़ कांफ्रेंस अध्यक्ष बसंतीलाल बाबेल, अणुव्रत महासमिति के पूर्व राष्ट्र अध्यक्ष महेंद्र कर्णावट, युवा गौरव पदमचंद पटावरी, लक्ष्मणसिंह कर्णावट, भिक्षु भूमि अध्यक्ष सवाईलाल पोखरना, चातुर्मास व्यवस्था समिति संयोजक महेंद्र कोठारी, कांकरोली सभाध्यक्ष चंद्रप्रकाश चोरडिय़ा, गणपत बोहरा, कांतिलाल धाकड़, बाबूलाल कच्छारा, तेयुप अध्यक्ष डॉ. विमल कावडिय़ा, मंडल अध्यक्ष मंजू बड़ोला, अशोक डूंगरवाल आदि ने दिवंगत आत्मा के प्रति श्रद्धांजलि समर्पित की। साध्वी परिवार, कन्या मंडल महिला मंडल ने गीतिका से भावांजलि दी
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