दिल्ली| जैनश्वेतांबर तेरापंथ संप्रदाय के नवम् आचार्य तुलसी के जन्म शताब्दी वर्ष में प्रकाशित 'तुलसी स्मृति ग्रंथ' का विमोचन रविवार को राष्ट्रपति भवन में किया गया और ग्रंथ की प्रथम प्रति राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को भेंट की गई। ग्रंथ का विमोचन तेरापंथ संप्रदाय के 11वें आचार्य महाश्रमण के सान्निध्य में सांसद डॉ. कर्णसिंह द्वारा किया गया।
इस मौके पर राष्ट्रपति ने आचार्य तुलसी को बहुमुखी प्रतिभा का धनी युगपुरुष बताया। उन्होंने कहा कि आचार्य तुलसी एक ऐसे संत थे, जिन्होंने समाज सुधार राष्ट्र निर्माण का दायित्व बखूबी निभाया और जरूरत पड़ने पर राष्ट्रपति एकता सद्भाव के लिए कार्य किया। आचार्य महाश्रमण ने कहा कि किसी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए इसका भौतिक, आर्थिक, सामाजिक, नैतिक आध्यात्मिक विकास होना आवश्यक है और आचार्य तुलसी सर्वांगीण विकास के लिए प्रयासरत रहे। उन्होंने लोकतंत्र में लोक शिक्षण के महत्व को समझा था।
डॉ. कर्णसिंह ने कहा कि भारत एक मूल्यों पर आधारित राष्ट्र है, जिनमें सत्यमेव जयते, अहिंसा, अस्तेय आदि मूल्य प्रमुख हैं। आचार्य तुलसी उन मूल्यों से युक्त समाज के निर्माण के लिए प्रयत्नशील रहे। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने समाज को संबोधित करते हुए आचार्य तुलसी के उनकी प्रति स्नेह को याद किया और कहा कि राजस्थान की माटी में जन्मे इन महान संत का जीवन युगों-युगों तक देश समाज को प्रेरणा देता रहेगा। पूर्व सांसद बालकवि बैरागी ने आचार्य तुलसी के समाज को महान योगदान अणुव्रत आंदोलन की स्मृति में एक ट्रेन का नाम अणुव्रत एक्सप्रेस रखने की मांग की।
--- Danik Bhaskar dt. 27/10/2014
इस मौके पर राष्ट्रपति ने आचार्य तुलसी को बहुमुखी प्रतिभा का धनी युगपुरुष बताया। उन्होंने कहा कि आचार्य तुलसी एक ऐसे संत थे, जिन्होंने समाज सुधार राष्ट्र निर्माण का दायित्व बखूबी निभाया और जरूरत पड़ने पर राष्ट्रपति एकता सद्भाव के लिए कार्य किया। आचार्य महाश्रमण ने कहा कि किसी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए इसका भौतिक, आर्थिक, सामाजिक, नैतिक आध्यात्मिक विकास होना आवश्यक है और आचार्य तुलसी सर्वांगीण विकास के लिए प्रयासरत रहे। उन्होंने लोकतंत्र में लोक शिक्षण के महत्व को समझा था।
डॉ. कर्णसिंह ने कहा कि भारत एक मूल्यों पर आधारित राष्ट्र है, जिनमें सत्यमेव जयते, अहिंसा, अस्तेय आदि मूल्य प्रमुख हैं। आचार्य तुलसी उन मूल्यों से युक्त समाज के निर्माण के लिए प्रयत्नशील रहे। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने समाज को संबोधित करते हुए आचार्य तुलसी के उनकी प्रति स्नेह को याद किया और कहा कि राजस्थान की माटी में जन्मे इन महान संत का जीवन युगों-युगों तक देश समाज को प्रेरणा देता रहेगा। पूर्व सांसद बालकवि बैरागी ने आचार्य तुलसी के समाज को महान योगदान अणुव्रत आंदोलन की स्मृति में एक ट्रेन का नाम अणुव्रत एक्सप्रेस रखने की मांग की।
--- Danik Bhaskar dt. 27/10/2014
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