(रचियेता:- धर्मेन्द्र डाकलिया, गंगाशहर)
मेलो अनशन रो- सतीवर जी/सजना जी,
थे तो नाम कमायो हो क मेलो अनशन रो..
नाम कमायो हो क गण रो मान बढायो हो. मेलो अनशन रो..
१, 'रूपजी' है जन्म धरा बा, उण री महिमा भारी रे, -२
धन्य हुई मेवाड़ भूमि तो, गावां बधावो रो. मेलो अनशन रो.
२. संवत तयासी सुखकारी, इण धरती पर आया थे, -२
संजम धारयो संवत पिचाणु, तुलसी गुरुवर स्यु. मेलो अनशन रो.
३. भेक्षव् संघ री छठा निराली , हुआ तपस्वी अलबेला २
महाश्रमण बरतावे माही, नाम लिखायो थे. मेलो अनशन रो..
४. ऊँचा परिणामा स्यु थे तो, संथारो सिरधारयो हो -२
बढ़ता रहज्यो शुभ भावा स्यु, देवा बधाई हो. मेलो अनशन रो.
५. शक्तिपीठ स्यु शक्ति मिलसी, थाने हरपल भारी हो -२
गंगानो गुलज़ार बण्यो है, थारे अनशन स्यु. मेलो अनशन रो.
६. माईतपनो हो जबर आपरो, भव भव में नहीं भुला हो -२
'धरमू' थारो श्रावक सतीवर , भजन सुनावें हो. मेलो अनशन रो.
जय जिनेन्द्र
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