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खामेमि सव्व जीवे, सव्वे जीवा खमंतु मे मित्ती मे सव्व-भूएसु, वेरं मज्झ न केणइ।।

Santhara of Sajnaji (Gangashahar )



साध्वीश्री सजना जी के संथारा संलेखना के समाचार :  21 - 09 - 2010
  सादर जय जिनेन्द्र
गंगाशहर सेवा केंद्र में तपस्विनी साध्वी श्री सजना जी का संथारा खूब ऊँचे परिणामों से चल रहा है. धरम ध्यान की धूम लगी हुई है . मूलतः रूप जी, सेवंतरी  (जिला राजसमंद) में इनका संवत १९८३ में जन्म हुवा था , मात्र बारह वर्षों की अवस्था में गुरुदेव श्री तुलसी ने संवत १९९५ में इनको दीक्षा प्रदान की . बहुत ही शांत स्वाभाव , स्वाध्याय शील और हस्तकला में निपुण इन्होने अपना सारा संयममय जीवन बहुत ही अच्छे ढंग से जिया .
·         अपने जीवन काल में कुल ४ चार, चाकरी ( सेवाकेंद्र ) की .
·         गंगाशहर सेवाकेंद्र में पिछले १४ वरसो से स्थिर् वास के रूप में रह रही है .
·         अपने व्यवहार से सेवाकेंद्र में आने वाले हर एक सिंगाडा के मन में अमिट छाप छोड़ी .
·         ९ दिनों की तपस्या में  ऊँचे भावो से १ सितम्बर को मुनि श्री राजकरण जी, नगराज जी से संथारा का प्रत्याखान किया .
·         सेवाकेंद्र की व्यवस्थापिका साध्वी जसवती जी आदि सभी साध्वी वृन्द ने खुब मनोयोग से सेवा की .
·         गंगाशहर के भंवरलालजी डाकलिया , तोलाराम जी सामसुखा , बछराज जी चोपड़ा . निर्मल बैद , धर्मेन्द्र डाकलिया राजेंद्र बोथरा आदि अनेकानेक श्रावको ने प्रतिदिन रात्रि ८ बजे से ९.३० बजे तक नई नई गीतिका बनाकर और उनका संगान किया. इसके साथ साथ आस पास के अनेक छेत्रो से साधू साध्वी वृन्द की आई हुई गीतिका का भी संगान किया.
·         इससे सारा वातावरण धरममय बनता रहा . महिला मंडल की बहने भी गीतिका के माध्यम से अपने भावो को प्रश्तुत करती रही .
·         गंगाशहर के श्री मान जीवराज जी सामसुखा ने संथारे के प्रथम दिन से ही प्रतिदिन १० घंटो से ज्यादा सेवाकेंद्र में रहकर हर एक प्रकार की व्यवस्था में अपना बेजोड योगदान दिया और दे रहे है , हर एक काम के लिए जीवराज जी सामसुखा की सलाह और परामर्श को बहुमान दिया . ऐसे सेवाभावी , मूक , शांत , धीर , गंभीर और बिना किसी नाम प्रतिस्था के काम करने वाले धर्मसंघ के बिरले श्रावक है .
·         साध्वी श्री के संसार पक्षीय परिवार के लोगो का भी निरंतर आवागमन लगा रहा . प्रतिदिन २० -३० की संख्या में लोग आते रहे . आस पास के छेत्रो से भी बड़े संघ सेवा दर्शन के लिए आते रहे . सरदारशहर आने वाले भी श्रदालू जन भी संथारा रत साध्वी जी के दर्शण हेतु गंगाशहर आते रहे .
·         साध्वी श्री के संसार पक्षीय भाई श्रीमान रतन चंद जी मेहता भी संथारे का समाचार ज्ञात होते ही पूना से तुरंत चले आये और पुरे मनोयोग से सेवा में लागे रहे . उन्होंने अपनी तरफ से अपने परिवार की तरफ से संथारा के अवसर पर भजन संगान करने वाले और सेवा देने वाले भाई बहनों का भी प्रतिक चिन्ह द्वारा सम्मान किया. रतन चंद जी बहुत ही मिलनसार , हंसमुख स्वाभाव और खुले ह्रदय के इंसान है .

Source : 
Mr. Salil Lodha (TerapanthProfessional Groups)

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आचार्य श्री महाश्रमण के आगामी कार्यक्रम :


2014 - मर्यादा महोत्सव - गंगाशहर; चातुर्मास - दिल्ली।
2015 - मर्यादा महोत्सव - कानपुर; चातुर्मास - बिराटनगर (नेपाल)।
2016 - चातुर्मास - गुवाहाटी।
2017 - चातुर्मास - कोलकाता।

Future Plan of ACHARYA SHRI's


2014 Chaturmas declared for New Delhi, india
2015 Chaturmas declared for BIRATNAGAR Nepal .
2016 Chaturmas declared for Guwahati Assam, India.
2017 Chaturmas declared for Kolkata India.
Maryada Mahotsava for the year 2012 is declared for Amet, Rajasthan, India.