हनुमानगढ़| साध्वी कनक रेखा के सान्निध्य में मंगलवार को तेरापंथ भवन के हॉल में तपोभिनंदन समारोह का आयोजन हुआ। साध्वी ने कहा कि भारतीय साधना पद्धति में तप का विशेष स्थान है। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों में तप की अलग-अलग विधियां हैं। उन्होंने कहा कि जो आठ प्रकार के कर्मों को तपाता है, वह तप है। उन्होंने कहा कि तप से मन की निर्मलता बढ़ती है। तप वही कर सकता है, जिसका मनोबल मजबूत हो, जिसकी संकल्प शक्ति, इच्छाशक्ति दृढ़ हो। साध्वी गुणप्रेक्षा ने विचार व्यक्त किए। दुग्गड़ परिवार की ओर से गीतिका प्रस्तुत की गई। सभाध्यक्ष राजेंद्र बैद, युवक परिषद मंत्री महेश बोरड़, महिला मंडल, संजय बांठिया, आंचलिक समिति अध्यक्ष किशन जैन, ज्योति राखेचा, विजयराज दुग्गड़ , हिमांशु दुग्गड़ ने वक्तव्य एवं गीतिका के द्वारा तपस्वी का अभिनंदन किया। इस दौरान अल्का दुग्गड़ द्वारा 15 दिन तक तपस्या करने पर सभा संस्थाओं की ओर से साहित्य प्रदान किया गया। संचालन साध्वी गुणप्रेक्षा व अभिषेक दुग्गड़ ने किया।
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